प्रथम खंड में योग-दर्शन और उद्देश्य की सारगर्भित प्रस्तुति के साथ सभी प्रमुख आसनों, बन्ध, प्राणायाम और ध्यान का सचित्र निरूपण किया गया है।
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प्रथम खंड में योग-दर्शन और उद्देश्य की सारगर्भित प्रस्तुति के साथ सभी प्रमुख आसनों, बन्ध, प्राणायाम और ध्यान का सचित्र निरूपण किया गया है।
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जिस प्रकार अभिनय के द्वारा हम किसी कृतिकार की भावनाओं का सजीव सचित्र निरूपण कर देते हैं, ठीक उसी प्रकार साहित्य में कृतिकार भी हृदयगत भावनाओं को शब्दों के द्वारा मूर्त्त रूप प्रदान करता है।